न्यूज डेस्क, अमर उजाला, देहरादून
Updated Tue, 27 Oct 2020 12:46 AM IST
kedarnath से 16 किमी ऊपर himalaya की तलहटी में साफ पानी से लबालब एक Tal मिला है। Paiya Tal में पड़ रही मेरू-सुमेरू पर्वत श्रृंखला की छाया इसकी खूबसूरती को और भी बढ़ा रही है। एक पखवाड़ा पहले पहली बार रुद्रप्रयाग जिले के दो युवक यहां पहुंचे। दरअसल, दोनों युवक संदीप कोहली और तनुज रावत अपने दो साथियों के साथ केदारनाथ गए थे। वहां से वे वासुकीताल पहुंचे, जहां उन्हें बाबा बलराम दास मिले। उन्होंने युवाओं को जानकारी दी कि दूध गंगा घाटी में एक भव्य ताल है, जिसके बारे में किसी को कोई जानकारी नहीं है। वे वहां तीन साल पहले गए थे। इसके बाद दोनों युवक वासुकीताल से सात किमी दूरी तय कर लगभग दो घंटे में पैंया ताल पहुंचे। ताल के चारों तरफ और रास्ते में ब्रह्मकमल, फेन कमल समेत कई प्रजाति के फूल खिले हुए थे। केदारनाथ से वासुकीताल होते हुए पैंया ताल पहुंचा जाता है। भू-वैज्ञानिकों ने भी इस ताल को नया बताया है। केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग के डीएफओ अमित कवर ने बताया कि जल्द ही ताल का भ्रमण कर पूरी जानकारी जुटाई जाएगी। वहीं, वाडिया संस्थान के भू-वैज्ञानिक डा. डीपी डोभाल का कहना है कि पैंया ताल समुद्रतल से लगभग साढ़े चार से पांच हजार मीटर की ऊंचाई पर है। यह मजबूत ताल है और इसमें पिघली बर्फ का पानी है, जो बहुत ही साफ है। लेकिन ये खूबसूरत ताल आज तक पर्यटकों की नजरों से ओझल है।
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